एक लड़की के अलफ़ाज़ अपने प्रेमी से.... किसी कारण जो एक ना हो सके
आज शादी की बात हुई है घर मै
हमारी मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
हमारी मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
कोई ऐरा गेरा आएगा लेजाने मुझको
अपने हाथो से डोली उठाओगे तो कैसे
अपने हाथो से डोली उठाओगे तो कैसे
तुम तो इकरार-ए-मोहब्बत भी खुल न कर सके
अपने घरवालो को मेरा बताओगे तो कैसे
अपने घरवालो को मेरा बताओगे तो कैसे
आज शादी की बात हुई है घर मै
हमारी मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
हमारी मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
Kaafi din beet gye ... ladke ka jwab nhi aaya... phir ladki udass mann se boli
मे जानती थी
मैं जानती थी मुक्कदर मे नही मेरे खुशिया
अब फूलो को बालो मे सजाऊँगी तो कैसे
मैं जानती थी मुक्कदर मे नही मेरे खुशिया
अब फूलो को बालो मे सजाऊँगी तो कैसे
तेरी चाहत और यादो से भरा है मेरा दिल
नए हमसफ़र को दिल मे बसाउंगी तो कैसे
नए हमसफ़र को दिल मे बसाउंगी तो कैसे
पलकों को नम रहने की आदत सी हो गयी है
सुनते हो ना
पलकों को नम रहने की आदत सी हो गयी है
आँखों मै काजल लगाउंगी तो कैसे
आज शादी की बात हुई थी घर मै
हमारी मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
Ladka bebas tha... zindagi ke थपेड़ो se preshaan.... khud se naraz ho kar bola
कुछ सिसकिया सी मन मे उभर रही है
पछतावे की आग को बुझाऊँगा तो कैसे
(जब सब बीत जाये तो उसे पछतावे का नाम दे दिया जाये, ये फैसला तो आप सब खुद कर सकते है)
तुम्हारी शादी पे बुलाया है मुझको
ये गलिया ये आँगन सजाऊंगा तो कैसे
अब गुज़रेगा दिन रात तेरी याद मै
अपने दिल से यादो को हटाऊंगा तो कैसे
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Kuch alfaaz meri traf se
ना किश्ती डूबी ना किनारे लगे
तूफानी ज़िन्दगी से लेहरे बचाएंगे तो कैसे
तूफानी ज़िन्दगी से लेहरे बचाएंगे तो कैसे
जो एक दूसरे के बिन रहते न थे कभी
यादो को दिल से मिटायेंगे तो कैसे
मोहब्बत न मिटी है और ना ही मिटेगी मुसाफिर
किसी के लिए जगह दिल मे बनाओगे तो कैसे
आज शादी की बात हुई उस लड़की के घर मे
उन दोनों की मोहब्बत को छुपाओगे तो कैसे
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