Panchi Sa Dil...!!!

by 02:58 0 comments

हमने भी चाहा था उन्हें
उन्होंने भी चाहा था हमे...
वो तो तक़दीर को पसंद नही हम
जो मिला नही सकी...!

हारे हम अब भी नही
हारे थे तब भी नही
वो बस हिम्मत साथ नही देती
वरना किसी की क्या औकात जो हमे हर सके

वो सोचते होंगे
वो सोचते होंगे हम बड़े मतलबी है
कोई उनसे भी पूछे खता किसने की थी
और वफ़ा किसने की थी...
खहा था उनसे
खहा था उनसे मत सोचो इतना
कुछ नही पाओगी
आज पता चला
वो तो किसी और के बारे मे सोचती थी
और हम खुद को समझ बेठे...

दिल भी एक पंछी है
भूक मिटाने को इधर उधर
यहा वहा
भटकता रहता है
लेकिन सोने को घोसले
मैं ही आता है...!

दिल नादान है
थोडा सा आवारा है
कौन इसे समझाए
भला कौन इसे समझाए...

Anky

Developer

Cras justo odio, dapibus ac facilisis in, egestas eget quam. Curabitur blandit tempus porttitor. Vivamus sagittis lacus vel augue laoreet rutrum faucibus dolor auctor.

0 comments:

Post a Comment